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An Indian Army Officer retired

Wednesday, June 8, 2011

बादल ने फिर सूरज को छुआ है,
शाम का फिर धुंधलका हुआ है,
अब झूठ सच मौसम के मिजाज लगते हैं,
सीख लिया है ज़िंदगी एक जुआ है...

1 comment:

  1. Juaa toh hai zindagi.... lekin Hum is zuaari se anjaan hai

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