About Me

My photo
An Indian Army Officer retired

Thursday, December 1, 2011

मैं भ्रमर, बावरा उसका.....


मैं भ्रमर, बावरा उसका,
वो कुसुम अधखुला,
मैं ह्रदय भावना बहा रहा,
वो मन भीरु अधखुला,
मैं दर्पण निर्मल सपाट,
वो घूँघट पट अधखुला,
मैं आगंतुक प्रत्याशा में,
वो द्वार है अधखुला 

3 comments:

  1. Ummmmmm....Beautiful

    ReplyDelete
  2. अधखुले दवार से देखेने वाले
    ओर भी मालूम पड़ते हैं
    प्यार का गीत उन्हें भी
    सुनाते जाना ...

    ReplyDelete