कुछ तो हुआ है..
एक दूर से आये झोंके ने मुझे छुआ है,
दिल के परिंदे के टूटे परों को
आसमां की बदली का मकसद हुआ है,
ये सूखे बाग-बगीचों में आज,
हौंसलों के सावन का मौसम हुआ है,
रात के अंधेरों में अधखुली खिडकी से ,
कमरे के फर्श पर सवेरा हुआ है,
मुट्ठी से सरक रही समय की इस रेत से,
स्वप्न की दिशा का इशारा हुआ है.....
Sach ,Kuch toh hua hai !!
ReplyDeletehttp://youtu.be/2ca43nTQUL0
ReplyDeleteanjane mein hi sahi ..ishaara hua hai
ReplyDeletelambi ...andheri raat ke baad savera hua hai!
dil key parindey ke tootey -paron ko--wow kitna cute likhtey hai aap!
ReplyDeletethanks!