hmmm.....
Anonymous ..... कुछ कहते तो अच्छा लगता...
तुम्हारा कुछ कहना मेरा कुछ ना कहनातुम्हारा कुछ न कहना, मेरा रूठ जाना
ओर भी जिन्हें कोई मनाता न होगा ओर भी जिन्हें कोई बुलाता न होगा आप रूठने और मानाने की बात करते हैं वो तो सदियों से ही अकेले हैं
just awesome! bahut hi acha likhtey hai aap! gazab!
hmmm.....
ReplyDeleteAnonymous ..... कुछ कहते तो अच्छा लगता...
ReplyDeleteतुम्हारा कुछ कहना मेरा कुछ ना कहना
ReplyDeleteतुम्हारा कुछ न कहना, मेरा रूठ जाना
ओर भी जिन्हें कोई मनाता न होगा
ReplyDeleteओर भी जिन्हें कोई बुलाता न होगा
आप रूठने और मानाने की बात करते हैं
वो तो सदियों से ही अकेले हैं
just awesome! bahut hi acha likhtey hai aap! gazab!
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