एक सांवली सी लड़की,
रोज मेरी गली से चहकती सी गुजरती है,
सुना है किसी से प्यार करती है,
उसीसे रोज मिलने जाती है,
वो शाम से कुछ पहले आती है, और कुछ बाद जाती है,
पता नहीं क्या है कि, उस के बारे में सोचता रहता हूँ,
मेरा अनजान सा रिश्ता हो गया है,
न आये तो सुबह सुनहली नहीं होती, शाम सजीली नहीं होती
जुही की डाली सी इठलाती,
मेरे दालान को महकाती,
एक सांवली सी लड़की,
रोज मेरी गली से चहकती सी गुजरती है,
सुना है किसी से प्यार करती है,
उसीसे रोज मिलने जाती है,
एक सोच उसका अब हरदम, मेरी सोच पर दिन भर छाया रहता है,
मेरा अपना मन, मन ही मन खुद शरमाया रहता है ,
अपने बालों को घुमाती, अपने ही होठों में दबाती,
तेज तेज चलती, अपने आप से बातें करती,
एक सांवली सी लड़की,
रोज मेरी गली से चहकती सी गुजरती है,
सुना है किसी से प्यार करती है
उसीसे रोज मिलने जाती है,
अब उसका रोज मेरे पास से गुज़रना मेरी आदत हो गया है
चौखट पर इन्तेज़ार करते रहना मेरी आदत हो गया है,
एक आदत सी हो गयी है वो,
और ये आदत छोड़ी नहीं जाती,
एक सांवली सी लड़की,
रोज मेरी गली से चहकती सी गुजरती है,
सुना है किसी से प्यार करती है
उसीसे रोज मिलने जाती है,
दुआ करता हूँ,
उसका प्यार बना रहे,
वो रोज ऐसे ही हँसती,
बाल घुमाती....
मेरे दालान को महकाती....
उस लड़के से मिलती रहे,
उसका उस लड़के से प्यार बना रहे,
मेरे दालान में उसकी खुशबू अपने आप फ़ैल जायेगी...
bhot hi khoobsoorat,sch pdte pdte ankhon ke samne wo sanwli ldki jiwant ho jati hai
ReplyDeleteI m lovin it......
ReplyDeletekhoobsoorat lines....
ReplyDeleteI m again lovin it..........
ReplyDeleteBahut ! bahut!! bahut hi sundar likhtey hai aap!
ReplyDeletecute poem ! just Awesome! Luved it!
Specially Juhi ki daali si !! ithlati!! soo nice!