कुछ अनछुई ज़िंदगी
About Me
Capt Semant
An Indian Army Officer retired
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Wednesday, August 17, 2011
उसकी सुराही सी प्यारी गोद में दोपहर का ताप मिट जाता है
अतीत का धुँधलापन,उजियारा बन जाता है,
भूत-वर्तमान का भेद मिट जाता है,
मैं सिर्फ स्वप्न में खो जाता हूँ
माँ जब जब तेरा आँचल पाता हूँ
फैला हुआ मेरे आँगन में.....
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