कुछ अनछुई ज़िंदगी
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Capt Semant
An Indian Army Officer retired
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Thursday, November 3, 2011
ख्वाब बहुत टटोला मगर ....
आँखों को खारे पानी से कुछ ऐसा प्यार हुआ,
कि पिघले धुंधलके से निकला हर मौसम बेज़ार हुआ,
आँख कली सी रातभर सहमी रही
पलक पंखुड़ी सी ओस पकडे रही
जो भी आस पास था, दीवारें निगल गयी
ख्वाब बहुत टटोले मगर, वक्त की आंच में सारी उंगलियाँ जल गई...
1 comment:
Stitch Studio Bangalore
November 4, 2015 at 11:09 PM
Bahut khoob Semant ji
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Bahut khoob Semant ji
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