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An Indian Army Officer retired

Monday, November 14, 2011

बेटियाँ ...

 बेटियाँ गोदी में ना समाएं ऐसा कितनी जल्दी हो जाता है.... 
पिता का आँगन कितनी जल्दी छोटा हो जाता है...
उसे विदा तो हर बार बड़े शौक से करता हूँ 
पर ना जाने ये आँखों में सावन कहाँ से आ जाता है ..
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