कुछ अनछुई ज़िंदगी
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Capt Semant
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Tuesday, November 15, 2011
यादें.....
यादें दादी के बंद बक्से और माँ की अलमारी में रखे पुराने सामान समान है..
खुल जाये तो छूकर, देखकर, ढूँढ ढूंढ कर मन नहीं भरता...
2 comments:
Stitch Studio Bangalore
November 23, 2014 at 4:28 AM
यादों का ज़खीरा सहेज कर रखने को जी करता है...
ताउम्र...
एक जीने की वजह सा....
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Saras
November 23, 2014 at 5:31 AM
वाकई .......!!!!
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यादों का ज़खीरा सहेज कर रखने को जी करता है...
ReplyDeleteताउम्र...
एक जीने की वजह सा....
वाकई .......!!!!
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