कुछ अनछुई ज़िंदगी
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Capt Semant
An Indian Army Officer retired
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Wednesday, November 9, 2011
आज उन्हें जी कहकर पुकारा तो उन्हें अच्छा लगा
बड़े लोगों को अपना सम्मान अच्छा लगा,
मैंने ख्वाब बुन लिया था उनसे दोस्ती का
टूटा मगर,
अपना सामान था
उसका हर टुकड़ा समेटना अच्छा लगा
1 comment:
Stitch Studio Bangalore
November 4, 2015 at 11:11 PM
भावनात्मक पंक्तियाँ
बहुत सुन्दर !
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भावनात्मक पंक्तियाँ
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !