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An Indian Army Officer retired

Thursday, June 30, 2011

आखिर ऐसा क्यों....


हम दोस्ती में तेरा हाथ क्या थाम बैठे,
जरा सी बात पर सब लोग यूँही  कोहराम कर बैठे,
ये क्यों है कि आज रिश्तों से डर लगता है,
कुछ तो है कि हर पाकीज़गी हराम कर बैठे ....

2 comments:

  1. Jeese tum dete ho harram aur kohraam ka naam... wo hamari ssanjeevani hai... choo kar is haath ko tum anjane mein zindagi de baithe!!!!

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