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An Indian Army Officer retired

Tuesday, November 15, 2011

यादें.....

यादें दादी के बंद बक्से और माँ की अलमारी में रखे पुराने सामान समान है..
खुल जाये तो छूकर, देखकर, ढूँढ ढूंढ कर मन नहीं भरता...

2 comments:

  1. यादों का ज़खीरा सहेज कर रखने को जी करता है...
    ताउम्र...
    एक जीने की वजह सा....

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