About Me

My photo
An Indian Army Officer retired

Friday, December 9, 2011

तुम्हें चाहने की वज़ह ......

















कल रात छत पर सितारों से बात करता रहा, हर एक सितारे से मिलाता रहा तुम्हें चाहने की वज़ह,
सब कुछ बहुत सही और खूबसूरत रहा बस तब तक, जब तक कि सारे सितारे खत्म ना हो गए.....
तुम्हें चाहने की वज़ह की ढेरी में अब भी बहुत कुछ बाकी है....... © Capt. Semant

7 comments:

  1. ....सितारे ख़त्म हुए
    चाहने की वजह नहीं ....
    उस धेरी से ....
    ले आओ
    वजह एक ही
    उन प्यार भरी
    बातों की
    जिन से तुम
    मेरे रोम रोम में
    जागते हो
    जीने की चाहतसी

    ReplyDelete
  2. बहुत अच्छा कहते हो दोस्त .... तुम्हें वक्त की नज़र ना लगे...

    ReplyDelete
  3. वक़्त की नज़र लग भी जाये
    कोई गम नहीं
    अपनी बात हमने
    आखिर कही तो सही

    ReplyDelete
  4. बहुत ही रूहानी बातें लगती हैं आपकी कविताओं में,बेहतरीन केप्टन साहिब

    ReplyDelete
  5. Dil bhi nahi janta tumhey chahne ki vajah ( unconditional )
    U r always 2 gud sir

    ReplyDelete