मुझे मालूम है और तुम भी जान गए हो, कि,
प्रीत कभी मरती नहीं...
बस मुरझा जाती है,
बसंत के बाद फूल झडे पेड़ों को पानी पिलाना भूले - तुम भी , मैं भी,
फिर ये भूलने की भूल स्वीकार भी नहीं कर पाए - तुम भी , मैं भी....
अब तुम मान जाओ तो , हम मिलकर ,
चलो एक बार फिर,
अपने आँगन के बगीचे में जाते हैं ,
क्यारियों में गिरी गुलाबों की हर पंखुड़ी चुन ले आते हैं,
फिर से घर महकाते हैं.......
बस यूं ही....एक बात कहनी थी तुमसे,
मैंने कल रात भर ,
रात !
तुम्हारा हाथ अपने हाथ में ले गुजारी है....
अपने ख्वाब में..... !
प्रीत कभी मरती नहीं...
बस मुरझा जाती है,
बसंत के बाद फूल झडे पेड़ों को पानी पिलाना भूले - तुम भी , मैं भी,
फिर ये भूलने की भूल स्वीकार भी नहीं कर पाए - तुम भी , मैं भी....
अब तुम मान जाओ तो , हम मिलकर ,
चलो एक बार फिर,
अपने आँगन के बगीचे में जाते हैं ,
क्यारियों में गिरी गुलाबों की हर पंखुड़ी चुन ले आते हैं,
फिर से घर महकाते हैं.......
बस यूं ही....एक बात कहनी थी तुमसे,
मैंने कल रात भर ,
रात !
तुम्हारा हाथ अपने हाथ में ले गुजारी है....
अपने ख्वाब में..... !
© 2013 Capt. Semant
Soul touching words!
ReplyDeleteशुक्रिया नवीन भाई.....
ReplyDeleteoh wow ! very nice!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ! भावनाओं का समुन्दर दीखता है आपके शब्दों में
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteSo beautiful and hearts touching
ReplyDeleteसुंदर... नई शुरुआत 🌹
ReplyDeleteबहुत सुंदर... नई शुरुआत 🌹
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