About Me

My photo
An Indian Army Officer retired

Monday, January 28, 2013

कल रात.........


कल रात अपनी ‘तन्हाई’ से ये कहना भूल गया कि,
मैं अकेला हूँ,

बस ये बात छुपी नहीं और तुम्हारी यादों ने घेर लिया,
रात भर उन दो पलों की मुलाकातों के ढेर सारे फूल पिरोते रहे,
मैं और तुम्हारी याद,

फिर बिखर गया चांदनी की चादर पर स्वप्न का सिन्दूर....

बस यूं ही,
फिर एक बार, बिखर गया चांदनी की चादर पर स्वप्न का सिन्दूर....
और ! ये बात मैंने मान ली,
कि यादें !
तुम्हारे, मेरे और गुज़रे पलों के बीच एक पगडंडी हैं.....

© 2012 Capt. Semant
 

5 comments:

  1. भावनाओं की सुन्दर अभिव्यक्ति...

    ReplyDelete
  2. बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति को दिल को छू लेने वाली लाइने...

    ReplyDelete
  3. Memories perhaps moments🤔🤔 are always a treasure🤗🤗🤗😊

    ReplyDelete